इंफाल, 17 नवंबर: मणिपुर में हालात दिन-ब-दिन गंभीर होते जा रहे हैं। जिरीबाम जिले में अपहरण और हत्या की घटना और इसके बाद छह जिलों में आर्म्ड फोर्स स्पेशल पावर एक्ट (AFSPA) लागू किए जाने के बाद राज्य में तनाव और बढ़ गया है। विरोध प्रदर्शनों की तीव्रता के बीच शनिवार को गुस्साए प्रदर्शनकारियों ने इंफाल ईस्ट जिले के हीनगांग स्थित मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह के निजी आवास पर हमले का प्रयास किया।
हालांकि, सुरक्षा बलों की भारी तैनाती के चलते प्रदर्शनकारियों को मुख्यमंत्री आवास के 500 मीटर के दायरे में पहुंचने से रोक दिया गया। इसके अलावा, प्रदर्शनकारियों ने राज्यभर में कई मंत्रियों और विधायकों के घरों को भी निशाना बनाया। इन घटनाओं में घरों और वाहनों की तोड़फोड़ की गई।
AFSPA लागू होने से बढ़ा आक्रोश
14 नवंबर को इंफाल पश्चिम के सेकमाई और लामसांग, इंफाल पूर्व के लामलाई, बिष्णुपुर के मोइरांग, कांगपोकपी के लेइमाखोंग और जिरीबाम जिले के इलाकों में AFSPA लागू किया गया था। इस फैसले के खिलाफ स्थानीय लोग भड़क गए और बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए। इन्हीं प्रदर्शनों के बीच मुख्यमंत्री आवास पर हमले की कोशिश की गई।
सूत्रों के मुताबिक, मणिपुर सरकार ने केंद्र से AFSPA को लेकर पुनर्विचार करने और इसे वापस लेने का आग्रह किया है।
इंटरनेट सेवाओं पर रोक
स्थिति को नियंत्रित करने और भड़काऊ सामग्री के प्रसार को रोकने के लिए राज्य सरकार ने सात जिलों— इंफाल पश्चिम, इंफाल पूर्व, बिष्णुपुर, थौबल, काकचिंग, कांगपोकपी और चुराचांदपुर में इंटरनेट और मोबाइल डेटा सेवाएं अस्थायी रूप से निलंबित कर दी हैं। गृह विभाग द्वारा 16 नवंबर को जारी आदेश के अनुसार, शाम 5:15 बजे से अगले दो दिनों तक इंटरनेट सेवाओं पर प्रतिबंध रहेगा।
सुरक्षा बलों को करना पड़ा हवाई फायरिंग
इंफाल में भाजपा विधायक लीशांगथेम सुसिंड्रो मीतेई के आवास पर तोड़फोड़ की कोशिश के दौरान स्थिति को नियंत्रित करने के लिए सुरक्षा बलों ने हवाई फायरिंग और आंसू गैस का इस्तेमाल किया।
हालात गंभीर
राज्य की स्थिति लगातार बिगड़ती जा रही है। सरकार और सुरक्षा बल स्थिति को संभालने की कोशिशों में जुटे हैं, लेकिन स्थानीय आक्रोश और विरोध प्रदर्शनों से चुनौती बढ़ती जा रही है।